Shiv Puja Sawan 2024- भगवान शिव को प्रसन्न करने का मौका: 22 जुलाई से सावन महीने की शुरुवात, इन चीजों से करें भोलेनाथ की पूजा

भगवान शिव को प्रसन्न करने का बड़ा मौका: 22 जुलाई से सावन महीने की शुरुवात, पहला दिन भी सोमवार, इन चीजों से करें भोलेनाथ की पूजा

Sawan 2024 Start 22 July Somvar Shiv Puja Vidhi Upay In Hindi

Sawan 2024 Start 22 July Somvar Shiv Puja Vidhi Upay In Hindi

Shiv Puja In Sawan 2024: सनातन धर्म में सावन महीने का विशेष महत्व है। भगवान शिव का अत्यंत प्रिय ये महीना सभी महीनों में पवित्र और श्रेष्ठ माना गया है। सावन में श्रद्धा-भाव के साथ की गई पूजा-पाठ से भगवान शिव बहुत जल्दी रीझ जाते हैं और अपनी कृपा का पात्र बना लेते हैं। इस बार 22 जुलाई से सावन की शुरुवात हो रही है। अद्भुत संयोग यह है कि, सावन महीने का पहला दिन सोमवार है। जो कि भगवान शंकर का ही दिन है। इस साल सावन में कुल 5 सोमवार पड़े हैं। जहां सावन की शुरुवात सोमवार के साथ हो रही है तो वहीं सावन महीना समाप्त भी सोमवार (19 अगस्त) के दिन ही होगा।

सावन पर शिव मंदिरों में जुटेगी लोगों की भारी भीड़

सावन महीने की शुरुवात के साथ ही देशभर के शिव मंदिरों और 12 ज्योतिर्लिंगों में लोगों की भारी भीड़ देखने को मिलेगी। शिव की जय-जयकार कर लोग श्रद्धा-भाव के साथ विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते दिखेंगे। ताकि सावन पर भगवान शिव रीझ जाएं और उनपर सदैव अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें। उन्हें आशीर्वाद देकर सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हुए धन वैभव और सुख-समृद्धि प्रदान करें। इस महीने में भोलेनाथ की पूजा के साथ ही कांवड़ यात्रा भी की जाती है।

शिव भक्त श्रद्धा पूर्वक दूर-दूर तक महादेव की आराधना के लिए कांवड़ यात्रा करते हैं और उनपर गंगा जल से जलाभिषेक करते हैं। वहीं शिव भक्त भगवान शंकर की विशेष पूजा के साथ रुद्राभिषेक भी जमकर कराते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि, सावन पर नित दिन शिव जी की पूजा कैसे करनी चाहिए? सावन पर शिव पूजा का सही ढंग क्या है? शिव जी की सही विधि क्या है? शिव पूजा के नियम क्या हैं? आइए आज हम आपको बता रहे हैं।

सावन पर ऐसे करें शिव की पूजा

वैसे भगवान शिव बड़े दयालु हैं। वह सबसे जल्दी रीझ जाते हैं। शिव की पूजा में सबसे ज्यादा महत्व आपकी श्रद्धा-भाव का है। आप कुछ भी न करें। सिर्फ सच्चे गहरे भाव से शिव को खाली पुकारते ही रहें। आपकी बात इतने में भी बन जाएगी। वहीं शिव जी सिर्फ एक लोटे जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन श्रद्धा-भाव के साथ शिव जी की विशेष पूजा का भी अपना महत्व है। इसलिए शिव जी की शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शक्कर और शहद से अभिषेक का खास महत्व माना गया है। शिव जी की पूजा में ये चीजें अवश्य अर्पित की जाती हैं।

सावन के दिनों में आप सुबह जल्‍दी स्‍नान करके साफ कपड़े पहनें। हो सके सफेद कपड़े धारण करें। व्रत रख रहें हैं तो बहुत अच्‍छा है। वहीं आप जब घर में शिव जी पूजा करने बैठें या मंदिर जाकर करें तो आप पहले से ही 'ऊं नमः शिवाय' मंत्र का जाप निरंतर करते रहें। शिव पूजा शुरू करने पर आप सबसे पहले शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाएं। फिर भगवान शिव का जलाभिषेक करें।

इसके बाद दूध, दही, घी, शक्कर और शहद से अभिषेक करें। और बाद में फिर से भगवान शिव का जलाभिषेक करें और इसके बाद उनपर सफेद चंदन, अक्षत, सफेद फूल, बेल पत्र, धतूरा, सुपारी, भस्म आदि चढ़ाएं। शमी के पत्‍ते भी चढ़ाएं। भगवान शिव को सुगंधित फूल-माला अप्रित करें।

ध्यान रहे कि, भगवान शिव पर भूलकर भी केतकी का फूल नहीं चढ़ाना है। उन पर सिंदूर भी नहीं चढ़ाना है। भगवान शिव को आप फल-मिठाइयों का भोग लगाएं और आखिर पूजा खत्म होने पर उनकी आरती जरूर करें। इसके बाद भगवान शिव के आगे नतमस्तक होते हुए और बम-बम भोले के जयकारे के साथ पूजा संपन्न करें। भूल-चूक की माफी मांग लें।